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भानुप्रतापपुर उपचुनाव 2022: कांग्रेस लगाएगी जीत की हैट्रिक!

भानुप्रतापपुर उपचुनाव में शुरुआती रूझान में कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है. कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी डाक मत पत्रों की गिनती से ही लीड कर रहीं हैं. भानुप्रतापपुर उपचुनावों के लिए नौवें राउंड की मतगणना के बाद कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी ही नंबर वन पर बनी हुई हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम हैं. थ्रीलेयर सुरक्षा के बीच 19 राउंड में काउंटिंग पूरी होगी. वोटों की गिनती के लिए 14 टेबल लगाए गए हैं. उपचुनाव के दंगल में 7 उम्मीदवार मैदान में हैं. मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में है.अब सभी की नजर फाइनल नतीजे पर है.

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Published : Dec 8, 2022, 11:13 AM IST

Updated : Dec 8, 2022, 12:33 PM IST

भानुप्रतापपुर: उपचुनाव में आज फैसले की घड़ी है. सभी को फाइनल नतीजों का इंतजार है. कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. साल 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने यह सीट जीती थी. . 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की. मनोज मंडावी के निधन के बाद यहां उपचुनाव हो रहे हैं. यदि कांग्रेस यह उपचुनाव जीत जाती है तो इस सीट पर कांग्रेस की लगातार तीसरी जीत होगी.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस का रायपुर अधिवेशन कितना अहम, छत्तीसगढ़ की राजनीति पर कितना होगा असर

आज तक कोई नहीं लगा सका हैट्रिक: साल 1962 में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी. कांग्रेस ने छह बार जीत दर्ज की है. 1985 से कांग्रेस के साथ भाजपा भी मैदान में है. दोनों पार्टी के उम्मीदवारों ने लगातार दो बार तो जीत दर्ज की है, लेकिन हैट्रिक कोई नहीं लगा सका है. पहले चुनाव में निर्दलीय रामप्रसाद पोटाई ने कांग्रेस के पाटला ठाकुर को हराया. 1967 के दूसरे चुनाव में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई जीते. 1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह जीते. 1979 में जनता पार्टी के प्यारेलाल सुखलाल सिंह जीत गए. 1980 और 1985 के चुनाव में कांग्रेस के गंगा पोटाई की जीत हुई. 1990 के चुनाव में निर्दलीय झाड़ूराम ने पोटाई को हरा दिया. 1993 में भाजपा के देवलाल दुग्गा यहां से जीत गए. 1998 में कांग्रेस के मनोज मंडावी जीते. अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे. 2003 में भाजपा के देवलाल दुग्गा फिर जीत गए. 2008 में भाजपा के ही ब्रम्हानंद नेताम यहां से विधायक बने. 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने वापसी की. 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की.

चार सालों में पांचवी बार उपचुनाव: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में यह पांचवा उपचुनाव है. पहला उपचुनाव दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद कराया गया. दीपक बैज के सांसद चुन लिए जाने पर चित्रकोट में नया विधायक चुना गया. अजीत जोगी के निधन से खाली मरवाही विधानसभा और देवव्रत सिंह के निधन से खाली खैरागढ़ में उपचुनाव हुआ. अब पांचवां उपचुनाव भानुप्रतापपुर में हुआ.

इस बार मुकाबला विधायक की पत्नी और पूर्व विधायक में: साल 1980 व 1985 में लगतार दो बार कांग्रेस की गंगा पोटाई और 2003 व 2008 में भाजपा के देवलाल दुग्गा व ब्रम्हानंद नेताम ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद कांग्रेस 2013 और 2018 में लगातार जीती. दोनों बार कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मंडावी ने भाजपा उम्मीदवार को शिकस्त दी. मनोज मंडावी की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी सावित्री मंडावी मैदान में हैं. भाजपा ने पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम पर फिर दांव लगाया है.

चुनाव में कुल सात उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई

प्रत्याशी पार्टी
ब्रह्मानंद नेताम भाजपा
सावित्री मंडावी कांग्रेस
के.घनश्याम जुरी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी
शिवलाल पूडो अंबेडकराइट पार्टी
हीरा नेताम राष्ट्रीय जन संघ
अकबर राम कोराम सर्व आदिवासी समाज
दिनेश कल्लो निर्दलीय

भानुप्रतापपुर: उपचुनाव में आज फैसले की घड़ी है. सभी को फाइनल नतीजों का इंतजार है. कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. साल 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने यह सीट जीती थी. . 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की. मनोज मंडावी के निधन के बाद यहां उपचुनाव हो रहे हैं. यदि कांग्रेस यह उपचुनाव जीत जाती है तो इस सीट पर कांग्रेस की लगातार तीसरी जीत होगी.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस का रायपुर अधिवेशन कितना अहम, छत्तीसगढ़ की राजनीति पर कितना होगा असर

आज तक कोई नहीं लगा सका हैट्रिक: साल 1962 में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी. कांग्रेस ने छह बार जीत दर्ज की है. 1985 से कांग्रेस के साथ भाजपा भी मैदान में है. दोनों पार्टी के उम्मीदवारों ने लगातार दो बार तो जीत दर्ज की है, लेकिन हैट्रिक कोई नहीं लगा सका है. पहले चुनाव में निर्दलीय रामप्रसाद पोटाई ने कांग्रेस के पाटला ठाकुर को हराया. 1967 के दूसरे चुनाव में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई जीते. 1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह जीते. 1979 में जनता पार्टी के प्यारेलाल सुखलाल सिंह जीत गए. 1980 और 1985 के चुनाव में कांग्रेस के गंगा पोटाई की जीत हुई. 1990 के चुनाव में निर्दलीय झाड़ूराम ने पोटाई को हरा दिया. 1993 में भाजपा के देवलाल दुग्गा यहां से जीत गए. 1998 में कांग्रेस के मनोज मंडावी जीते. अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे. 2003 में भाजपा के देवलाल दुग्गा फिर जीत गए. 2008 में भाजपा के ही ब्रम्हानंद नेताम यहां से विधायक बने. 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने वापसी की. 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की.

चार सालों में पांचवी बार उपचुनाव: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में यह पांचवा उपचुनाव है. पहला उपचुनाव दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद कराया गया. दीपक बैज के सांसद चुन लिए जाने पर चित्रकोट में नया विधायक चुना गया. अजीत जोगी के निधन से खाली मरवाही विधानसभा और देवव्रत सिंह के निधन से खाली खैरागढ़ में उपचुनाव हुआ. अब पांचवां उपचुनाव भानुप्रतापपुर में हुआ.

इस बार मुकाबला विधायक की पत्नी और पूर्व विधायक में: साल 1980 व 1985 में लगतार दो बार कांग्रेस की गंगा पोटाई और 2003 व 2008 में भाजपा के देवलाल दुग्गा व ब्रम्हानंद नेताम ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद कांग्रेस 2013 और 2018 में लगातार जीती. दोनों बार कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मंडावी ने भाजपा उम्मीदवार को शिकस्त दी. मनोज मंडावी की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी सावित्री मंडावी मैदान में हैं. भाजपा ने पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम पर फिर दांव लगाया है.

चुनाव में कुल सात उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई

प्रत्याशी पार्टी
ब्रह्मानंद नेताम भाजपा
सावित्री मंडावी कांग्रेस
के.घनश्याम जुरी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी
शिवलाल पूडो अंबेडकराइट पार्टी
हीरा नेताम राष्ट्रीय जन संघ
अकबर राम कोराम सर्व आदिवासी समाज
दिनेश कल्लो निर्दलीय
Last Updated : Dec 8, 2022, 12:33 PM IST
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